पब्लिक मंच नेटवर्क, डबवाली (रवि मोंगा)
"सपने वे नहीं होते जो नींद में देखे जाते हैं, बल्कि सपने वे हैं जो नींद से जागकर पूरे किए जाते हैं।" — बाल मंदिर स्कूल की प्रतिभाशाली छात्रा वीरनूर कौर ने इस उक्ति को अपने जीवन में चरितार्थ कर दिखाया है। हाल ही में घोषित नीट 2025 के परिणामों में वीरनूर कौर ने अखिल भारतीय स्तर पर 23622वीं रैंक तथा 98.89 परसेंटाइल अर्जित कर सफलता की एक नई मिसाल कायम की है।
वीरनूर कौर ने वर्ष 2024 में बाल मंदिर स्कूल से बारहवीं कक्षा (मेडिकल संकाय) उत्तीर्ण की। बायोलॉजी विषय में उन्होंने 94% अंक प्राप्त कर विषय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया, वहीं कुल 88% अंकों के साथ उन्होंने अपने परिश्रम, समर्पण एवं निरंतरता का प्रमाण प्रस्तुत किया। प्रारंभ से ही अध्ययन के प्रति उनकी गंभीरता, विनम्रता, अनुशासन तथा आत्मनियंत्रण ने उसे प्रत्येक मोड़ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उसने ज्ञान को सदैव प्राथमिकता दी और हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास एवं धैर्य के साथ किया। उसकी निष्ठा व निरंतर परिश्रम ने उन्हें भीड़ से अलग एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।
इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का भी विशेष योगदान रहा। पिता जसकरण सिंह एक किसान हैं तथा माता श्रीमती लखबीर कौर एक गृहिणी हैं। हरियाणा के गाँव मटदादू निवासी इस साधारण परिवार ने प्रारंभ से ही अपनी बेटी को डॉक्टर बनते देखने का सपना देखा था। इस सपने को साकार करने हेतु उन्होंने हर परिस्थिति में कठिन परिश्रम किया और वीरनूर को सदैव प्रेरणा, सहयोग व सकारात्मक वातावरण प्रदान किया। पारिवारिक सहयोग ने ही उसके हौसलों को ऊँचाई तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वीरनूर कौर प्रारंभिक शिक्षा से लेकर माध्यमिक स्तर तक सदैव उत्कृष्ट प्रदर्शन करती रही हैं। उसकी मेहनत, अनुशासन तथा आत्म-विश्वास ने उसे इस गौरवशाली मुकाम तक पहुँचाया है।
प्रिंसिपल सुरेन्द्र कुमार कौशिक ने वीरनूर कौर की इस उपलब्धि पर उन्हें तथा उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वीरनूर कौर ने अपने अथक परिश्रम व निष्ठा से एक आदर्श प्रस्तुत किया है। यदि आज का युवा इसी प्रकार मेहनत ,लगन एवं ईमानदारी से प्रयास करे तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उन्होंने वीरनूर कौर के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि वह भविष्य में एक योग्य चिकित्सक बनकर समाज की सेवा करेंगी।
विद्यालय प्रबंधन समिति ने भी इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "वीरनूर कौर की यह सफलता केवल एक छात्रा की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, अपितु सम्पूर्ण विद्यालय परिवार की सफलता है। यह इस तथ्य को सिद्ध करती है कि जब विद्यार्थी का समर्पण, शिक्षकों का मार्गदर्शन एवं परिवार का सहयोग साथ हो तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं रह सकता। हमें विश्वास है कि वीरनूर कौर भविष्य में भी अपने परिश्रम एवं धैर्य के बल पर समाज में सकारात्मक पहचान स्थापित करेंगी।"