पब्लिक मंच नेटवर्क, डबवाली (रवि मोंगा)
-बृज लाल जी खीचड़ द्वारा समाज हित में किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत: कुलदीप कुमार जादूदा
-महान कर्मयोगी चौ. बृज लाल खीचड़ को बिश्नोई समाज के लोग कभी भुला नही पाएंगे: इंद्रजीत बिश्नोई
बिश्नोई सभा डबवाली के संस्थापक अध्यक्ष स्व. बृजलाल जी खीचड़ की पुण्यतिथि पर रविवार को बिश्नोई धर्मशाला में सभा के अध्यक्ष कुलदीप कुमार जादूदा की अध्यक्षता में आयोजित सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कुलदीप जादूदा ने श्री बृजलाल जी खीचड़ को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समाज हित में किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
सभा सचिव इन्द्रजीत बिश्नोई ने श्री बृजलाल जी खीचड़ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिश्नोई धर्मशाला के निर्माण में अहम भूमिका निभाने तथा समाज के अन्य कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए महान कर्मयोगी चौधरी बृज लाल खीचड़ को बिश्नोई समाज के लोग कभी भुला नही पाएंगे। इनके प्रयास से ही डबवाली क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने क्षेत्र के सभी सामाजिक व धार्मिक कार्यों के लिए तन मन धन से हमेशा सहयोग दिया। उनके सतत प्रयास से ही बिश्नोई मंदिर डबवाली का शिलान्यास संभव हो सका। वे 25 वर्ष से भी अधिक समय तक बिश्नोई सभा डबवाली के प्रधान रहे। उन्होंने बताया कि चौधरी बृज लाल खीचड़ जी को वर्ष 2005 में आसोज मेला मुकाम में बिश्नोई रतन चौधरी भजनलाल, मुख्यमंत्री हरियाणा ने बिश्नोई भूषण व विशिष्ट समाज सेवक की उपाधि से अलंकृत किया।
चौ. बृज लाल खीचड़ ने मुकाम धाम में भी डबवाली बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण करवाया:
इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी बृजलाल खीचड़ का जन्म वर्ष 1920 को जनवरी माह में पाकिस्तान के बहावलपुर रियासत के मुहारवाली गांव में श्री जवानाराम खीचड़ (बिश्नोई) के घर व माता घोटी देवी की कोख से हुआ। वर्ष 1947 के विभाजन पश्चात गांव अबूबशहर में आकर बस गए। काफी समय तक खेती-बाड़ी व पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए वर्ष 1983 में पूर्ण रूप से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। उन्होंने 11 जनवरी 1984 को बिश्नोई समाज के सहयोग से डबवाली में बिश्नोई धर्मशाला का शिलान्यास चौधरी भजनलाल बिश्नोई मुख्यमंत्री, हरियाणा के कर कमलों से करवाया। तब से लेकर 30 जून 2010 तक बिश्नोई सभा डबवाली के अध्यक्ष पद पर रहकर बिश्नोई समाज के उत्थान का बीड़ा उठाया और निरंतर बिश्नोई समाज को एक गौरवशाली स्थिति तक पहुंचाने का अथक प्रयास करते रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुकाम धाम में डबवाली बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण भी करवाया। अखिल भारतीय सेवक दल का स्थायी सदस्य बनने के पश्चात बिखरे हुए सेवक दल का पुनर्गठन करके 26 अगस्त 1992 में लंगर सेवा प्रारंभ की जो अब वटवृक्ष की तरह विशाल रूप धारण कर निरंतर सेवारत है। उन्होंने सामाजिक कार्यों के दौरान बीकानेर बिश्नोई धर्मशाला में मंदिर निर्माण, मुकाम निज मंदिर का निर्माण, दिल्ली बिश्नोई धर्मशाला निर्माण तथा बिश्नोई धर्मशाला हनुमानगढ़ आदि सभी निर्माण कार्यो में शुरू से लेकर कार्य पूर्ण तक सक्रिय सेवा की।
पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि:
इस मौके पर सभा के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार धारणिया, सदस्य जीतराम पूनिया, रामकुमार तरड, विकास कुमार गोदारा, विनोद कुमार धारणिया, रिटायर्ड पटवारी आत्मराम खीचड़ , रामकुमार धारणिया, सतपाल गोदारा, बलवीर थालोड, भगवाना राम पुनिया, बिश्नोई मन्दिर चौटाला के प्रचार मन्त्री आनन्द कुमार पूनिया , बिश्नोई धर्मशाला डबवाली के मैनैजर कपिल देव बावरा, यशवर्धन गोदारा, पुजारी श्रीराम, साकेत यादव ने भी स्व श्री बृजलाल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया।
बिश्नोई सभा डबवाली के संस्थापक अध्यक्ष स्व. बृजलाल जी खीचड़ की पुण्यतिथि पर रविवार को बिश्नोई धर्मशाला में सभा के अध्यक्ष कुलदीप कुमार जादूदा की अध्यक्षता में आयोजित सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कुलदीप जादूदा ने श्री बृजलाल जी खीचड़ को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा समाज हित में किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
सभा सचिव इन्द्रजीत बिश्नोई ने श्री बृजलाल जी खीचड़ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिश्नोई धर्मशाला के निर्माण में अहम भूमिका निभाने तथा समाज के अन्य कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए महान कर्मयोगी चौधरी बृज लाल खीचड़ को बिश्नोई समाज के लोग कभी भुला नही पाएंगे। इनके प्रयास से ही डबवाली क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने क्षेत्र के सभी सामाजिक व धार्मिक कार्यों के लिए तन मन धन से हमेशा सहयोग दिया। उनके सतत प्रयास से ही बिश्नोई मंदिर डबवाली का शिलान्यास संभव हो सका। वे 25 वर्ष से भी अधिक समय तक बिश्नोई सभा डबवाली के प्रधान रहे। उन्होंने बताया कि चौधरी बृज लाल खीचड़ जी को वर्ष 2005 में आसोज मेला मुकाम में बिश्नोई रतन चौधरी भजनलाल, मुख्यमंत्री हरियाणा ने बिश्नोई भूषण व विशिष्ट समाज सेवक की उपाधि से अलंकृत किया।
चौ. बृज लाल खीचड़ ने मुकाम धाम में भी डबवाली बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण करवाया:
इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी बृजलाल खीचड़ का जन्म वर्ष 1920 को जनवरी माह में पाकिस्तान के बहावलपुर रियासत के मुहारवाली गांव में श्री जवानाराम खीचड़ (बिश्नोई) के घर व माता घोटी देवी की कोख से हुआ। वर्ष 1947 के विभाजन पश्चात गांव अबूबशहर में आकर बस गए। काफी समय तक खेती-बाड़ी व पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए वर्ष 1983 में पूर्ण रूप से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। उन्होंने 11 जनवरी 1984 को बिश्नोई समाज के सहयोग से डबवाली में बिश्नोई धर्मशाला का शिलान्यास चौधरी भजनलाल बिश्नोई मुख्यमंत्री, हरियाणा के कर कमलों से करवाया। तब से लेकर 30 जून 2010 तक बिश्नोई सभा डबवाली के अध्यक्ष पद पर रहकर बिश्नोई समाज के उत्थान का बीड़ा उठाया और निरंतर बिश्नोई समाज को एक गौरवशाली स्थिति तक पहुंचाने का अथक प्रयास करते रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुकाम धाम में डबवाली बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण भी करवाया। अखिल भारतीय सेवक दल का स्थायी सदस्य बनने के पश्चात बिखरे हुए सेवक दल का पुनर्गठन करके 26 अगस्त 1992 में लंगर सेवा प्रारंभ की जो अब वटवृक्ष की तरह विशाल रूप धारण कर निरंतर सेवारत है। उन्होंने सामाजिक कार्यों के दौरान बीकानेर बिश्नोई धर्मशाला में मंदिर निर्माण, मुकाम निज मंदिर का निर्माण, दिल्ली बिश्नोई धर्मशाला निर्माण तथा बिश्नोई धर्मशाला हनुमानगढ़ आदि सभी निर्माण कार्यो में शुरू से लेकर कार्य पूर्ण तक सक्रिय सेवा की।
पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि:
इस मौके पर सभा के कोषाध्यक्ष अनिल कुमार धारणिया, सदस्य जीतराम पूनिया, रामकुमार तरड, विकास कुमार गोदारा, विनोद कुमार धारणिया, रिटायर्ड पटवारी आत्मराम खीचड़ , रामकुमार धारणिया, सतपाल गोदारा, बलवीर थालोड, भगवाना राम पुनिया, बिश्नोई मन्दिर चौटाला के प्रचार मन्त्री आनन्द कुमार पूनिया , बिश्नोई धर्मशाला डबवाली के मैनैजर कपिल देव बावरा, यशवर्धन गोदारा, पुजारी श्रीराम, साकेत यादव ने भी स्व श्री बृजलाल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया।
