Breaking News
Loading...

हैप्पी क्लासरूम पर आधारित एक दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, बताया -सुबह का अभिवादन केवल “गुड मॉर्निंग” नहीं, बल्कि “हैप्पी मॉर्निंग” होना चाहिए

पब्लिक मंच, डबवाली (रवि मोंगा) 

सी.बी.एस.ई. द्वारा जारी नवीन परिपत्र के अनुरूप देशभर के विद्यालयों में शिक्षकों के कौशल-विकास हेतु प्रेरक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में बाल मंदिर स्कूल में आज हैप्पी क्लासरूम पर आधारित एक दिवसीय शिक्षक–प्रशिक्षण  कार्यशाला का आयोजन उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर वातावरण में किया गया। इस कार्यशाला में बाल मंदिर स्कूल के शिक्षकों के साथ-साथ विरासत विद्यापीठ स्कूल हनुमानगढ़, सिल्वर ऑक्स स्कूल बठिंडा, द मिलेनियम स्कूल रामा मंडी, मैथ्यू अलैक्जेंडर स्कूल लंबी, अकाल अकादमी रोड़ी, तथा फ़ादर्स इंटरनेशनल स्कूल अंबाला के शिक्षकगण भी सहभागी बने। उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम के गौरव को बढ़ाया।


कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार कौशिक ने  रिसोर्स पर्सन मैडम नवनीत देवगन (प्रिंसिपल, इंपीरियल इंटरनेशनल स्कूल फॉर एक्सीलेंस, अबोहर, पंजाब) तथा मैडम मैरी एंटनी सिंह (प्रिंसिपल, माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल, बठिंडा, पंजाब) का पुष्पगुच्छ भेंट कर हार्दिक स्वागत किया।  प्रिंसिपल श्री कौशिक ने दोनों अतिथियों के शिक्षण-दर्शन, विनम्र व्यक्तित्व और व्यापक अनुभव की सराहना करते हुए कहा कि यह दिन शिक्षकों के लिए नई सोच, नई विधियों और नई ऊर्जा को आत्मसात करने का श्रेष्ठ अवसर लेकर आया है।

सत्र की शुरुआत सभी शिक्षकों के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई, जिससे आपसी सहजता और सौहार्द का वातावरण बना। रिसोर्स पर्सन ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि सुबह का अभिवादन केवल “गुड मॉर्निंग” नहीं, बल्कि “हैप्पी मॉर्निंग” होना चाहिए, क्योंकि जब शिक्षक स्वयं प्रसन्न रहता है तो उसकी सकारात्मक ऊर्जा कक्षा, वातावरण और विद्यार्थियों पर गहरा प्रभाव डालती है। उन्होंने यह भी कहा कि “आनंद हमारा स्वभाव है”, जो भीतर से उत्पन्न होता है—कोई बाहरी वस्तु स्थायी सुख नहीं दे सकती; वास्तविक खुशी अंतर्मन की अनुभूति है।

मोबाइल फोन को पूरी तरह प्रतिबंधित करना संभव नहीं, परंतु उसके सदुपयोग की दिशा में बच्चों को मार्गदर्शन देना शिक्षक का कर्तव्य:  रिसोर्स पर्सन

उन्होंने बच्चों को अपनी जड़ों, संस्कारों और मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। मोबाइल फोन को पूरी तरह प्रतिबंधित करना संभव नहीं, परंतु उसके सदुपयोग की दिशा में बच्चों को मार्गदर्शन देना शिक्षक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा कमजोर नहीं होता; कुछ केवल धीमी गति से सीखने वाले  होते हैं, जिन्हें थोड़ा अधिक धैर्य, सहयोग और समझ की आवश्यकता होती है। जैसा व्यवहार हम दूसरों से अपेक्षा करते हैं, वैसा ही हमें उनके प्रति रखना चाहिए—यही संवेदनशीलता एक खुशहाल कक्षा की नींव है।

कार्यशाला के अगले चरण में विभिन्न सक्रिय शिक्षण गतिविधियों का आयोजन हुआ—‘हैंड आउट एक्टिविटी’, ‘ऐक्ट आउट एक्टिविटी’, ‘थिंक–पेयर–शेयर’, ‘कहानी विधि’, ‘संपूर्ण शारीरिक प्रतिक्रिया’, ‘भावना मापक’ और ‘रुकें–सोचें–आगे बढ़ें’ जैसी गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण को अधिक रोचक, जीवंत और विद्यार्थी-केंद्रित बनाने पर बल दिया गया।

‘रीजन फॉर मिसबिहेवियर’ विषय पर विशेष सत्र में यह समझाया गया कि कुछ विद्यार्थी शरारती या अव्यवस्थित व्यवहार क्यों करते हैं। रिसोर्स पर्सन ने बताया कि ऐसे व्यवहार के पीछे ध्यान आकर्षित करने की चाह, भावनात्मक असंतुलन, घर का वातावरण, असुरक्षा या सीखने में कठिनाई जैसे कारण हो सकते हैं। यदि शिक्षक इन कारणों को समझ लें, तो वे अधिक संवेदनशीलता और धैर्य से बच्चों को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। ‘स्व-चेतना का विकास’ गतिविधि के दौरान शिक्षकों ने अपनी ही भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को समझने का अभ्यास किया, जबकि ‘स्व-नियंत्रण – कल्पना अभ्यास’ ने मन को शांत रखने की व्यावहारिक विधियाँ सिखाईं। ‘संबंधों की समझ’ और ‘छात्र व्यवहार की समझ’ गतिविधियों ने यह संदेश दिया कि सीखने का आधार सकारात्मक संबंध हैं।

‘आनंद और कल्याण’, ‘खुशी मापांक’, ‘खुशी का सूत्र’ और ‘खुशी के मार्ग’ जैसी गतिविधियों से यह निष्कर्ष निकला कि यदि शिक्षक स्वयं संतुलित और प्रसन्न हैं, तो वे अपने विद्यार्थियों के जीवन में भी खुशी और ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। ‘तीन क्यों और कैसे’ तथा ‘आपको क्या प्रसन्न करता है?’ जैसी गतिविधियों ने शिक्षकों को आत्मचिंतन और आत्मविकास की दिशा में प्रेरित किया। ‘रुकें–सोचें–आगे बढ़ें’ गतिविधि ने शिक्षकों को यह सिखाया कि किसी भी स्थिति में पहले रुककर कारण को समझें, फिर सोचें, और अंत में उपयुक्त रणनीति अपनाएँ।

कार्यशाला में यह भी बताया गया कि ऐसे बच्चों को जिम्मेदारियाँ सौंपकर, विश्वास दिलाकर और सुरक्षित वातावरण प्रदान कर शिक्षक उन्हें सकारात्मक व्यवहार की ओर प्रेरित कर सकते हैं। पोस्टर मेकिंग, चार्ट मेकिंग, ग्रुप डिस्कशन और समूह गतिविधियाँ जैसी विधियाँ बच्चों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करती हैं और कक्षा का माहौल आनंददायी बनाती हैं।

सत्र के दौरान यह चर्चा भी हुई कि शिक्षक कक्षा-कक्ष और स्टाफ रूम दोनों में कई चुनौतियों का सामना करते हैं — बच्चों का ध्यान भटकना, भावनात्मक अस्थिरता, कुछ विद्यार्थियों की धीमी सीखने की गति, अनुशासन बनाए रखना, समय प्रबंधन, पाठ योजना और विभिन्न गतिविधियों का समन्वय इत्यादि।

इन सभी चुनौतियों का समाधान सकारात्मक दृष्टिकोण, प्रभावी संवाद, पारस्परिक सहयोग और माइंडफुलनेस तकनीकों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। बच्चों का ध्यान आकर्षित करने हेतु ‘123, Eyes on Me’ जैसे सरल संकेतों के उपयोग की सलाह दी गई। कार्यशाला में यह भी रेखांकित किया गया कि केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि माता-पिता भी बच्चे के संपूर्ण विकास में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, उनकी भावनाओं को समझने और उन्हें उचित संस्कार व वातावरण देने की प्रेरणा दी गई।

भारी स्कूल बैग की समस्या पर विचार करते हुए यह सुझाव दिया गया कि विद्यार्थी समय-सारणी के अनुसार रात में ही अपना बैग तैयार करें, जिससे वे अगले दिन केवल आवश्यक पुस्तकें ही लाएँ—इससे भार कम होगा और अनुशासन की आदत भी विकसित होगी।

अपने प्रेरक उद्बोधन में प्रिंसिपल सुरेंद्र कुमार कौशिक ने कहा कि “शिक्षक वह दीपक है जो समाज की दिशा बदलने की क्षमता रखता है।” उन्होंने कहा कि आज शिक्षण केवल पाठ पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों में जीवन-कौशल, सकारात्मक सोच और मानवीय मूल्य विकसित करना है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों के दृष्टिकोण को व्यापक बनाते हैं और उन्हें नई शिक्षण विधियाँ अपनाने की प्रेरणा देते हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रिंसिपल श्री कौशिक ने दोनों रिसोर्स पर्सन और सभी सहभागी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा आशा जताई कि इस प्रशिक्षण से विद्यालय की शिक्षण प्रक्रिया और भी अधिक अर्थपूर्ण, प्रभावी और विद्यार्थी-केंद्रित बनेगी।

एक दिवसीय यह कार्यशाला अनुभवों, आत्मचिंतन, संवेदनशीलता और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण रही। समापन सत्र में  रिसोर्स पर्सन को प्रिंसिपल  सुरेंद्र कुमार कौशिक द्वारा स्मृति-चिन्ह और पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया।

/fa-fire/ POPULAR$type=one

PUBLIC MUNCH

नाम

Adhti Association,1,Agriculture,5,Breaking news,20,College,5,corona,17,Employees,4,featured,35,Health,1,Kissan,10,Kissan Andolan,12,MLA,17,MP Sirsa,4,news,162,Others,26,Police file,16,Political,48,Public Munch E-Paper,63,Public news,134,Recent,4,Recent1,346,Schools,48,Sirsa News,18,slider,295,Social,137,Sports,6,Top news,152,videostory,3,Village,8,
ltr
item
Public Munch: हैप्पी क्लासरूम पर आधारित एक दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, बताया -सुबह का अभिवादन केवल “गुड मॉर्निंग” नहीं, बल्कि “हैप्पी मॉर्निंग” होना चाहिए
हैप्पी क्लासरूम पर आधारित एक दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, बताया -सुबह का अभिवादन केवल “गुड मॉर्निंग” नहीं, बल्कि “हैप्पी मॉर्निंग” होना चाहिए
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi9S1W0KWBBg5yK79HS0hvZQPhL3zILJPJ6E1xT8BfQmEVBYTd59qyI4CUMYFOe-p3Tp8NWouH4P3h8Ja7FtqYoBAvX35inND7-Y07zHI5Jc7yy0UWxdCf7Eqw0QIvjLI3_vFj3YTp0VAAbuYczLtwcP288FerV-LfohAHC9JyLzP3lU_9KGXnh6nCz8KU/w640-h286/bm1.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi9S1W0KWBBg5yK79HS0hvZQPhL3zILJPJ6E1xT8BfQmEVBYTd59qyI4CUMYFOe-p3Tp8NWouH4P3h8Ja7FtqYoBAvX35inND7-Y07zHI5Jc7yy0UWxdCf7Eqw0QIvjLI3_vFj3YTp0VAAbuYczLtwcP288FerV-LfohAHC9JyLzP3lU_9KGXnh6nCz8KU/s72-w640-c-h286/bm1.jpg
Public Munch
https://www.publicmunch.com/2025/11/Balmandir.html
https://www.publicmunch.com/
https://www.publicmunch.com/
https://www.publicmunch.com/2025/11/Balmandir.html
true
3563666661543923396
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy