पब्लिक मंच, डबवाली (रवि मोंगा)
जैन धर्म में त्याग और साधना का प्रतीक अठाई तप एक कठिन अनुष्ठान है लेकिन श्रद्धालु इसे पवित्र भाव के साथ धारण करते हैं। इस कड़ी में जैन सभा के पदाधिकारी राजेश जैन शम्मी की पुत्री बिन्नी जैन ने अठाई तप सफलतापूर्वक पूरा किया है। तप के 8वें दिन जैन स्थानक में उनकी तपस्या की अनुमोदना और मेहंदी की रस्म संपन्न हुई। इस मौके पर महिलाओं ने मंगल गीत गाकर बिन्नी जैन के तप की खूब सराहना की।जैन स्थानक में विराजमान जैन महासाध्वी सुव्रत प्रभा जी महाराज ठाणे-4 ने बिन्नी को आशीर्वाद देते हुए उसकी दृढ़ता और समर्पण की सराहना की और तप के आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। महासाध्वी सुव्रत प्रभा जी महाराज ने कहा कि तप का वास्तविक अर्थ शारीरिक कष्ट नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि है। जब हम भोजन और जल का त्याग करते हैं, तो हम अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त करते हैं और अपनी आत्मा के करीब आते हैं। यह तप हमें सिखाता है कि जीवन में सच्ची शांति भौतिक सुखों में नहीं, बल्कि आत्मिक शक्ति में निहित है। उन्होंने कहा कि बिन्नी जैन की यह तपस्या न केवल उनके लिए बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है।
इस संबंध में शम्मी जैन ने कहा कि बेटी बिन्नी जैन के इस तप के कारण उनका परिवार गर्व महसूस कर रहा है। बिन्नी ने सफलतापूर्वक अठाई तप पूर्ण कर महा साध्वियों से आशीर्वाद प्राप्त किया है।
जैन सभा प्रधान सुभाष जैन पप्पी व महासचिव राजेश जैन ने बताया कि अठाई तप जैन धर्म में आठ दिनों तक किया जाने वाला एक उपवास है जिसमे भक्त भोजन के साथ दूध, फल, जूस आदि सभी खाद्य पदार्थों का पूर्ण त्याग करते हैं और आठ दिनों तक केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक जल ग्रहण करते हुए स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से अनुशासित करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार चातुर्मास के दौरान डबवाली में करीब 40 लोगों ने अठाई तप कर जैन महा साध्वियों का आशीर्वाद प्राप्त किया जोकि यहां के जैन समाज के लिए गर्व की बात है। इस रस्म कार्यक्रम में सिरसा, कालांवाली, लुधियाना व अन्य स्थानों के जैन श्रद्धालु शामिल हुए।
जैन सभा प्रधान सुभाष जैन पप्पी व महासचिव राजेश जैन ने बताया कि अठाई तप जैन धर्म में आठ दिनों तक किया जाने वाला एक उपवास है जिसमे भक्त भोजन के साथ दूध, फल, जूस आदि सभी खाद्य पदार्थों का पूर्ण त्याग करते हैं और आठ दिनों तक केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक जल ग्रहण करते हुए स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से अनुशासित करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार चातुर्मास के दौरान डबवाली में करीब 40 लोगों ने अठाई तप कर जैन महा साध्वियों का आशीर्वाद प्राप्त किया जोकि यहां के जैन समाज के लिए गर्व की बात है। इस रस्म कार्यक्रम में सिरसा, कालांवाली, लुधियाना व अन्य स्थानों के जैन श्रद्धालु शामिल हुए।

