पब्लिक मंच, डबवाली (रवि मोंगा)
यह जानकारी देते हुए डा. गुरजीत सिंह ने बताया कि जसविंदर सिंह खालसा जब श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे, तो वहां अकाल तख्त साहिब के ग्रंथी ज्ञानी अवतार सिंह ने उन्हें विशेष रूप से 'आज का फरमान' लिखने की सेवा सौंपते हुए सम्मान दिया। जसविंदर सिंह खालसा ने कहा कि इतने पवित्र व बड़े स्थान पर अपने हाथों से फरमान लिखते हुए वह खुद को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। श्री दरबार साहिब में जाकर यह सेवा निभाना उनके जीवन काबेहद ही स्मरणीय व गर्वपूर्ण क्षणों में से एक रहेगा। उन्होंने कहा कि यह सब अकाल पुरख वाहेगुरु जी की अपार कृपा से संभव हुआ है और वे हमेशा इस सम्मान के लिए कृतज्ञ रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि जसविंदर सिंह खालसा ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप अपने हाथों से लिखने जैसा अतुलनीय और अत्यंत श्रद्धापूर्ण कार्य किया है। यह कार्य उनकी सिख धर्म के प्रति अटूट आस्था का परिणाम है। इसके लिए उन्हें कई धार्मिक संस्थाओं, गुरुद्वारा प्रबंधक समितियों और सामाजिक संगठनों द्वारा समय-समय पर सम्मानित भी किया जा चुका है।
