शिविर में ओशो द्वारा दी गई विभिन्न ध्यान विधियों जैसे डायनेमिक, कुंडलिनी, नटराज आदि सिखाई जाएंगी। यह ध्यान विधियां व्यक्ति के शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास में अति क्रांतिकारी हैं।
पब्लिक मंच, डबवाली (रवि मोंगा)
ओशो उत्सव केंद्र ट्रस्ट द्वारा 7 नवंबर से 9 नवंबर तक तीन दिवसीय ध्यान शिविर 'ध्यान: जीवन रूपांतरण की कुंजी' का आयोजन महाराजा पैलेस के नजदीक ओशो उत्सव केंद्र में किया जाएगा। ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट जितेंद्र खैरा ने बताया की इस शिविर का संचालन मां प्रेम ईशा (डा. ईशा सिंगला) द्वारा किया जाएगा। मां प्रेम ईशा जालंधर में एक डॉक्टर हैं और उनका जन्म एक ओशो परिवार में हुआ है। इसलिए बचपन से ही ओशो की शिक्षाओं व ध्यान विधियों से परिचित हैं।
उन्होंने कहा के ओशो आधुनिक युग के बहुत ही सुशिक्षित रहस्यदर्शी हैं। उनकी पुस्तकें तथा प्रवचन दुनिया भर में हर वर्ग तथा उम्र के लोगों में लोकप्रिय हैं। ओशो आज भी सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित है उनके प्रवचन तथा साहित्य लेखकों, संगीतकारों तथा फिल्मी कलाकारों के साथ-साथ युवाओं महिलाओं तथा सभी वर्ग के लोगों में प्रिय है। इसलिए इस ध्यान शिविर में एक ओशो पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। इसके लिए संगरूर से स्वामी राजेश अपनी ओशो साहित्य वैन भी लेकर आएंगे। उन्होंने बताया कि शिविर में आसपास इलाके के करीब 50 साधक भाग लेंगे। शिविर में ओशो द्वारा दी गई विभिन्न ध्यान विधियों जैसे डायनेमिक, कुंडलिनी, नटराज आदि सिखाई जाएंगी। यह ध्यान विधियां व्यक्ति के शारीरिक मानसिक तथा आध्यात्मिक विकास में अति क्रांतिकारी हैं।

