जैन धर्म के चल रहे पर्युषण पर्व का आज छठा दिन हैं। जैन महासाध्वी श्री सुव्रतप्रभा जी महाराज ने आज बाल संत अतिमुक्त मुनि जी के जीवन पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार 8 वर्ष की आयु में ही अतिमुक्त कुमार ने दीक्षा ग्रहण करके अपने जीवन का कल्याण किया।
प्रधान सुभाष जैन पप्पी ने बताया कि पर्यूषण पर्व का आठवां दिन 27 अगस्त बुधवार को संवत्सरी महापर्व के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन जैन श्रद्धालु बड़ी संख्या में पौषध व्रत ग्रहण करेंगे तथा समूची सृष्टि के छोटे से लेकर बड़े जीव से अपने जीवन में हुई कोई भी गलतियों के लिए सभी से क्षमा याचना मांगेगे। इसे क्षमा पर्व भी कहा जाता है।
आज प्रवचन में वरिष्ठ भाजपा नेता व हरियाणा बीज विकास निगम के चेयरमैन देव कुमार शर्मा भी पधारे और कथा सुनी। देवकुमार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जैन समाज आकार में छोटा होते हुए भी सेवा की विशाल भावना रखता है। मै भी बचपन से ही जैन साधु संतों के त्याग से बहुत प्रभावित हूं, क्योंकि ना कोई खुद का मकान, ना धनराशि रखना और ना किसी व्हीकल का प्रयोग करना। हमेशा नंगे पांव घूमते हुए अपनी सिर्फ जरूरत की चीजों को रखते हुए अहिंसा और पर सेवा कल्याण की भावना से भ्रमण करते हैं। इस मौके जैन समाज की तरफ से देव कुमार शर्मा का सम्मान किया गया।