पब्लिक मंच नेटवर्क, डबवाली (रवि मोंगा)
-जीवन का सच्चा सुख भौतिक संपत्ति या पद-प्रतिष्ठा में नहीं, बल्कि संतोष, सेवा और भक्ति में निहित है: महंत दर्शन दास
-ब्रह्मलीन महंत मनसा दास की पुण्यतिथि भी श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
सिरसा रोड पर स्थित श्री शिव मंदिर उदासीन आश्रम में रविवार को श्री चंद्र भगवान की 531वीं जयंती श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई गई। आश्रम संचालक महंत दर्शन दास के सानिध्य में समागम का आयोजन आश्रम में किया गया। प्रात:काल विशेष पूजा-अर्चना के साथ श्री चंद्र सिद्धांत सागर पाठ का भोग हेड ग्रंथी तेजा सिंह एवं सहयोगियों द्वारा संपन्न किया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरा वातावरण 'जय श्री चंद्र भगवान' के जयघोष से गूंजा दिया।
सिरसा रोड पर स्थित श्री शिव मंदिर उदासीन आश्रम में रविवार को श्री चंद्र भगवान की 531वीं जयंती श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई गई। आश्रम संचालक महंत दर्शन दास के सानिध्य में समागम का आयोजन आश्रम में किया गया। प्रात:काल विशेष पूजा-अर्चना के साथ श्री चंद्र सिद्धांत सागर पाठ का भोग हेड ग्रंथी तेजा सिंह एवं सहयोगियों द्वारा संपन्न किया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूरा वातावरण 'जय श्री चंद्र भगवान' के जयघोष से गूंजा दिया।
इस अवसर पर श्रद्धालुजनों को महंत दर्शन दास ने बताया कि श्री चंद्र भगवान, गुरु नानक देव जी के ज्येष्ठ पुत्र थे। उन्होंने सांसारिक मोह-माया का त्याग कर भक्ति और वैराग्य का मार्ग अपनाया और जीवन भर तप, त्याग तथा सेवा के अद्वितीय प्रतीक बने रहे। उन्होंने कहा कि श्री चंद्र भगवान की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उस समय थीं। जीवन का सच्चा सुख भौतिक संपत्ति या पद-प्रतिष्ठा में नहीं, बल्कि संतोष, सेवा और भक्ति में निहित है। यदि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलें तो समाज में प्रेम, भाईचारा और आपसी सौहार्द सहज ही स्थापित हो सकता है।
जयंती समारोह के साथ-साथ ब्रह्मलीन महंत मनसा दास की पुण्यतिथि भी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महंत मनसा दास ने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, समाज और सेवा के लिए समर्पित कर दिया था, जिसे आज भी लोग कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करते हैं। कार्यक्रम के उपरांत विशाल लंगर का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं इलाकावासियों ने प्रसाद ग्रहण किया। देर शाम तक आश्रम का परिसर भक्ति, सेवा और श्रद्धा के रंग में सराबोर रहा।
इस अवसर पर राजकीय कष्ट निवारण एवं लोकसम्पर्क समिति सदस्य सतीश जग्गा, संत त्रिवेणी दास, संत महादेव दास, गुरमेल सिंह बराड़, सिकंदर सिंह बराड़, बिकर सिंह चोरमार, मदन पाल मास्टर तथा प्रबंधक समिति सदस्यों ने संत समाज और श्रद्धालुजनों का स्वागत किया।
इस अवसर पर राजकीय कष्ट निवारण एवं लोकसम्पर्क समिति सदस्य सतीश जग्गा, संत त्रिवेणी दास, संत महादेव दास, गुरमेल सिंह बराड़, सिकंदर सिंह बराड़, बिकर सिंह चोरमार, मदन पाल मास्टर तथा प्रबंधक समिति सदस्यों ने संत समाज और श्रद्धालुजनों का स्वागत किया।
समारोह में महंत पुरुषोत्तम दास तख्तमल, महंत सतपाल दास अलीकां, महंत देवादास मंडाला, संत निर्मल नाथ रामगढ़, महंत मलकीत गिरी दादू, महंत शिवदास डिग्गी ढाणी रतिया, महंत गोपीदास गहरी बुट्टर, महंत जयराम दास टहलदास, महंत वकील दास मिठड़ी, महंत गंगादास कोठागुरू, महंत रोहतास पुरी जगमालवाली, महंत हरदीप पुरी माखा, महंत गौरखपुरी तारुआना, संत रामगोपाल, नगर परिषद अध्यक्ष टेकचंद छाबड़ा, उपाध्यक्ष अमनदीप बांसल, पार्षद मनीष मोंगा, विकास शर्मा, सुनील जिंदल, कृष्ण कामरा, संजीव शाद, रवि मोंगा, सत्यप्रकाश यादव, सतलुज, रमेश कंबोज, सतीश गर्ग, पूर्व पार्षद सुखविंदर सरां, मनजीत सिंह, पवन बांसल, गुरचरण नम्बरदार, सुन्दर लाल शास्त्री, अमर लाल अनेजा, सोम प्रकाश शर्मा, देवी लाल मौजगढ़, डॉ. प्रणव सचदेवा, रणजीत सावंतखेड़ा, नवदीप सरां नेहरू, रोहताश शर्मा, हरदम दिवानखेड़ा, गुरविंदर अलीकां, मुकेश ग्रोवर सहित सैकड़ों संत-महात्मा, सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्यजन उपस्थित रहे।