पब्लिक मंच, डबवाली(रवि मोंगा)
हरियाणा में धान खरीद पर सहकारी विपणन समितियों (CMS) के कमीशन में कटौती किए जाने के विरोध में कर्मचारियों ने हड़ताल का बिगुल बजा दिया है। हैफेड (HAFED) के उच्चाधिकारियों द्वारा लिए गए इस फैसले से राज्य भर की सहकारी समितियों के कर्मचारियों और सदस्यों में गहरा रोष व्याप्त है, जिसके चलते मंगलवार को हरियाणा भर में सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।
विरोध प्रदर्शन और कमीशन कटौती का मुद्दा
डबवाली की नई अनाज मंडी स्थित दि मंडी डबवाली को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड कार्यालय के समक्ष कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। समिति के सहायक प्रबंधक मनोज मित्तल ने बताया कि हरियाणा में मंडी स्तर पर कार्यरत लगभग छह दर्जन सहकारी विपणन समितियां किसानों की फसल खरीद का महत्वपूर्ण कार्य करती हैं।
* पहले का कमीशन: धान फसल खरीद पर समितियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का 0.25 प्रतिशत कमीशन मिलता था, जो लगभग 5.80 रुपए प्रति क्विंटल होता था।
* वर्तमान कटौती: इस कमीशन को घटाकर 1.33 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
मित्तल ने इस कटौती को समितियों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों और आढ़तियों के लाभ तथा समितियों को मजबूत करने के लिए नए उपाय कर रही है, वहीं यह कटौती सरकार की छवि को धूमिल कर रही है। कर्मचारियों का कहना है कि इस कटौती से समितियों को प्रति क्विंटल 4.47 रुपए की भारी हानि होगी, जिससे खरीद कार्यों में बाधा आएगी और किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
आंदोलन और समर्थन
कर्मचारी लंबे समय से गेहूं खरीद के कमीशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, लेकिन धान के कमीशन में कटौती कर दी गई, जिससे उनका गुस्सा और भड़क उठा है। उनकी प्रमुख मांग है कि मुख्यमंत्री महोदय इस मामले का संज्ञान लें और कमीशन कटौती के आदेश को तुरंत निरस्त करें, बल्कि इसमें बढ़ोतरी करें। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप धारण कर सकता है।
कर्मचारी यूनियन की इस हड़ताल को कच्चा आढ़तियां एसोसिएशन और मुनीम एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया। मुनीम एसोसियेशन के प्रधान मुकेश जोशी व कच्चा आढ़ती एसोसिएशन से महासचिव राजेश जिंदल धरना स्थल पर पहुंचे।
इस मौके पर रोहतास कुमार, बहादुर सिंह, अजय कुमार, आदित्य सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।
