चौटाला नहर की टेल तक पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा चोरी छिपे छोटे किए गए मोघों के विरोध में धरनारत 4 गांवों के साथ तीन आर गांवों लंबी, गिदडख़ेड़ा व चौटाला के लोग सोमवार को समर्थन में आ गए हैं। धरने पर बैठे जंडवाला बिश्नोईयान के सरपंच मिठूराम, आसाखेड़ा के सरपंच भादर, भाजपा नेता गगनदीप सहित अन्य किसानोंं ने बताया कि चौटाला डिस्ट्रीब्यूटरी से उपरोक्त व आसपास के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। उन्होंने बताया कि कानूनी तौर पर जब कोई भी सरकारी कार्य होता है तो उसके लिए नियमानुसार प्रक्रिया चलती है, लेकिन यहां तो संबंधित विभाग ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए तालिबानी फरमान की तरह रातों-रात चोरी-छिपे मोघों का साइज छोटा कर दिया, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि एक तो पहले ही सिंचाई के लिए बनाए गए शैड्यूल को सरकार ने मनमाने तरीके से बदल दिया है, वहीं दूसरी ओर मोघों का साइज छोटा करने से किसानों के सामने समस्या और गहरा जाएगी, जिससे खेती घाटे का सौदा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर संबंधित विभाग को कानूनन कार्य करना था तो वो किसानों को इस संबंधी कोई नोटिस दे सकते थे, लेकिन अधिकारियों ने फोर्स के साथ रातों-रात मोघों का साइज कम कर दिया। संंबंधित विभाग की इस कार्यवाही से ये प्रतीत होता है कि किसान, किसान नहीं जैसे कोई आतंकवादी हो। किसानों की मांग है कि मोघों की पहले वाले स्थिति बहाल की जाए, ताकि वे अपनी फसल का उत्पादन कर परिवार का पालन-पोषण कर सकें। धरनारत लोगों ने कहा कि वर्तमान सरकार में अफसरशाही इतनी हावी है कि बिना किसी सूचना के कार्य कर आम जनता को प्रताडि़त किया जा रहा है। सरकार की पकड़ न होने से अधिकारियों के हौंसले बुलंद हैं । किसानों ने कहा कि जब तक उनके मोघों का साइज पुराना नहीं दिया जाता, वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
